रानी सती जी की आरती

03:29






ॐ जय श्री राणी सती माता , मैया जय राणी सती माता ,


अपने भक्त जनन की दूर करन विपत्ती ||


अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत , मंडितचहुँक कुंभा


दुर्जन दलन खडग की विद्युतसम प्रतिभा ||


मरकत मणि मंदिर अतिमंजुल , शोभा लखि न पडे,


ललित ध्वजा चहुँ ओरे , कंचन कलश धरे ||


घंटा घनन घडावल बाजे , शंख मृदुग घूरे,


किन्नर गायन करते वेद ध्वनि उचरे ||


सप्त मात्रिका करे आरती , सुरगण ध्यान धरे,


विविध प्रकार के व्यजंन , श्रीफल भेट धरे ||


संकट विकट विदारनि , नाशनि हो कुमति,


सेवक जन ह्रदय पटले , मृदूल करन सुमति,


अमल कमल दल लोचनी , मोचनी त्रय तापा ||


त्रिलोक चंद्र मैया तेरी ,शरण गहुँ माता ||


या मैया जी की आरती, प्रतिदिन जो कोई गाता,


सदन सिद्ध नव निध फल , मनवांछित पावे ||

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