प्रभु श्री राम की आरती 03:35 श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।श्री राम श्री राम....कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनीलनीरद सुन्दरं ।पट पीत मानहु तडीत रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं ॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।श्री राम श्री राम....भजु दीनबंधु दिनेश दानवदै त्यवंशनिकंदनं ।रघुनंद आंनदकंद कोशलचंद दशरथनंदनं ॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ॥श्री राम श्री राम...सिर मुकुट कूंडल तिलक चारु उदारु अंग विभुषणं ।आजानु भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं ॥भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं ॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणंइति वदित तुलसीदास शंकरशेषमुनिमनरंजनं ।मम ह्रदयकंजनिवास कुरु, कमदि खल दल गंजनं ॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं ॥श्री राम श्री राम... Share This Story Share on Facebook Share on Twitter Pin this Post Tags: आरती- Newer Post Older Post You Might Also Like 0 comments
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