श्री सरस्वती आरती और प्रार्थना 03:36 कज्जल पुरित लोचन भारे, स्तन युग शोभित मुक्त हारे | वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते॥ जय सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | दगुण वैभव शालिनी , त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | चंद्रवदनि पदमासिनी , घुति मंगलकारी | सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | बायेँ कर में वीणा , दायें कर में माला | शीश मुकुट मणी सोहें , गल मोतियन माला ॥ जय सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | देवी शरण जो आयें , उनका उद्धार किया पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | विद्या ज्ञान प्रदायिनी , ज्ञान प्रकाश भरो | मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | धुप ,दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो | ज्ञानचक्षु दे माता , भव से उद्धार करो ॥ जय सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें | हितकारी ,सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥ सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | सदगुण वैभव शालिनी , त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता , जय जय हे सरस्वती माता | Share This Story Share on Facebook Share on Twitter Pin this Post Tags: Newer Post Older Post You Might Also Like 0 comments
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