सूय॔भेदी प्राणायाम

10:45



सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन में बैठें। हमारे मुँह का " ० " आकार करके उससे जिव्हा को बाहर निकालना, हमारी जीव्हा भी " ० " आकार की हो जायेगी, उसी भाग से हवा अन्दर खीचनी है। और मुँह बन्द करके से साँस को नाक से बाहर छोड दे।


लाभ -




  •  शरीर की अतिरिक्त गरमी को कम करने के लिये। 
  •  ज्यादा पसीना आने की शिकायत से आराम मीलता है। 
  •  पेट की गर्मी और जलन को कम करने के लिये। 
  •  शरीर पर कहा भी आयी हुई फोड़ी को मिटाने की लिये। 

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