ऊंची तेरी खाई ऊंचा नीचा कोट ढाणां बसै बाबा भूमिया की ओट काहे का दिवला काहे की बात काहे का घी बलै सारी रात अगड़ चन्दन का दिवला निर्मल बात सुरही का घी बलै सारी रात तेरी बाबा भोमिया उत्तम जात जू जन्मा छट्ट चौदस की रात बेटियां का बाबा माईयर बाप बहुआं का सै बाबा रिछापाल
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